DIL KI SHAYRI 2017

                                           DIL SHAYRI NEW 2017
Dil Shayari in Hindi
सो जा ऐ दिल...

सो जा ऐ दिल आज धुंध बहुत है... तेरे शहर में 
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।


एडमिन द्वारा दिनाँक 07.12.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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पुकार के लाया...

चल न उठके वहीं चुपके चुपके तू ऐ दिल, 
अभी उसकी गली से पुकार के लाया हूँ।


एडमिन द्वारा दिनाँक 30.11.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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दिल सफर में है...

तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, 
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।


गणपत खिची द्वारा दिनाँक 29.11.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
दिल खो चुके...

दिलबर की दिल-लगी में 
दिल अपना खो चुके हैं, 
कल तक तो खुद के थे 
आज आप के हो चुके हैं।


बलविंदर कुमार द्वारा दिनाँक 25.11.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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दिल की हक़ीक़त...

ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहता है, 
कि वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया।
आपको जाते हुए देख के न संभलेगा दिल, 
उसको बातों में लगा लूँ तो चले जाईयेगा।

न संभलेगा दिल शायरी

एडमिन द्वारा दिनाँक 16.10.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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तुम्हारा दिल...

तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता, 
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता।


एडमिन द्वारा दिनाँक 18.09.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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दिल तुम्हारा हो गया...

हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका, 
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया।


एडमिन द्वारा दिनाँक 18.09.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
दिल में रहते...

मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को 
पता है ना.. दिल में रहते हो खुदा की तरह।



सचिन पटेल द्वारा दिनाँक 31.08.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
कल जहाँ से कि उठा लाए थे अहबाब मुझे, 
ले चल आज वहीं फिर दिल-ए-बे-ताब मुझे।


एडमिन द्वारा दिनाँक 18.07.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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दिल वो है जो...

दिल वो है जो फ़रियाद से भरा रहता है हर वक़्त, 
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते।
- अहमद फ़राज़


एडमिन द्वारा दिनाँक 05.07.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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जो दिल माँगा तो...

किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी, 
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी, 
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो, 
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी।


एडमिन द्वारा दिनाँक 20.06.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
दिल अगर बेनकाब होता...

किसी के दिल में क्या छुपा है 
ये बस खुदा ही जानता है, 
दिल अगर बेनकाब होता 
तो सोचो कितना फसाद होता।


एडमिन द्वारा दिनाँक 08.06.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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उल्फत का दस्तूर शायरी...

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, 
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, 
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, 
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।


एडमिन द्वारा दिनाँक 05.06.16 को प्रस्तुत | कमेंट करें

तू ही बता दिल कि तुझे समझाऊं कैसे, 
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे, 
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा, 
मगर उसको ये एहसास दिलाऊं कैसे।


एडमिन द्वारा दिनाँक 10.10.15 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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मोहब्बत मुझे थी उसी...

मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम, 
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा, 
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी, 
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा ।


एडमिन द्वारा दिनाँक 08.10.15 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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मोहब्बत नही करता...

मुझे नही पता कि ये बिगड़ गया या सुधर गया, 
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नही करता।


Admin द्वारा दिनाँक 22.08.15 को प्रस्तुत | कमेंट करें
मुझे रिश्तो की लम्बी...

मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से 
क्या मतलब... 
कोई दिल से हो मेरा तो एक 
शख्स ही काफी है ।

मुझे रिश्तो की लम्बी शायरी

Admin द्वारा दिनाँक 30.07.15 को प्रस्तुत | कमेंट करें
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तजुर्बा कहता है...

तजुर्बा कहता है 
मोहब्बत से किनारा कर लूँ... 
और दिल कहता है 
ये तज़ुर्बा दोबारा कर लूँ ।

तजुर्बा कहता है शायरी

Admin द्वारा दिनाँक 30.07.15 को प्रस्तुत | कमेंट करें


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