MOHABBAT KI SHAYRI 2017

             MOHABBAT KI SHAYRI 2017

Love Shayari in Hindi

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लव शायरी (मोहब्बत शायरी)

यहाँ हम अपने प्रिय पाठकों के लिए लव शायरी या मोहब्बत शायरी का एक विशाल और सबसे अच्छा संग्रह प्रकाशित कर रहें हैं। आप इस मोहब्बत की शायरी (Love Shayari) को अपने फेसबुक वाल और व्हाट्सएप्प ग्रुप में शेयर कर सकतें हैं और अपने जज़्बात उन तक आसानी से पहुंचा सकतें हैं जिन से आप प्यार करतें हैं।
सभी हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ हैं।  Hindi Shayari
love shayari2 लव शायरी (मोहब्बत शायरी)
love shayari2
वो कितना मेहरबान था हम पर की हज़ारो ग़म दे गया हम कितने खुदगर्ज थे की कुछ न दे सके मोहब्बत के सिवा
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हर मर्ज का इलाज मिलता था उस बाजार में,,, मोहब्बत का नाम क्या लिया तमाम दवाखाने बन्द हो गये..!!
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जब मोहब्बत ही नहीं दरमियां, -हम रूठे क्या, – वो मनायें क्या,,
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न मोहब्बत संभाली गई,न नफरतें पाली गईं… बङा अफसोस है उस जिंदगी का,जो तेरे पीछे खाली गई….
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तुम्हारी हर अदा मोहब्बत सी लगती है एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है जिंदगी में हरपल तेरी जरुरत लगती है”
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बहक जाने देँ मुझे मेरे यार की मोहब्बत में
ये वो नशा है जो .मेरे सर से कभी उतरता नही
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तेरी मोहब्बत में एक अजब सा नशा है, तभी तो सारी दुनिया तुमपे फ़िदा है .
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यह दुनिया एक लम्हे में तुम्हे बर्बाद कर देगी, मोहब्बत मिल भी जाये तो उसे मशहूर मत करना
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वो इश्क़ हि क्या जिसमे हिसाब हो… मोहब्बत तो हमेशा बेहिसाब होती है.
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करने तबाह मोहब्बत के बहाने ले गया, एक परिंदा आकर मेरी उड़ाने ले गया कल गली से उनकी गुज़रे तो लगा, कोई आकर मोहब्बत के ज़माने ले…
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वो तब भी थी, अब भी है और हमेशा ही रहेगी ..! ये मोहब्बत है ….. कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाएं ..!!
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सुना है, नफरत की दुकान खोल रहे हो… थोड़ी मोहब्बत भी रख लेना दिखावे के लिये…!!!
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आज रास्ते मे कुछ प्यार भरे पन्ने टुकड़ो मे मिले…. शायद फिर किसी गरीब के मोहब्बत का तमाशा हो गया….|
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तजुर्बा कहता है, मोहब्बत से किनारा कर लूँ… और दिल कहता है की, ये तजुर्बा दोबारा कर लूँ…
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कुछ तो शराफत सीख ले ऐ मोहब्बत, शराब से… बोतल पे कम से कम लिखा तो है कि ” मै जानलेवा हूँ”.
*** Love Shayari
सिर्फ एक मोहब्बत की रौशनी ही बाकी है वर्ना जिस तरफ देखो दूर तक अँधेरा है.
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लरजते आसुओ की कहानी है मोहब्बत बरसती आँखों की जुबानी है मोहब्बत पास रहके भी दूर रहती है बहोत महकते फूलों की रातरानी है मोहब्बत.
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क्या फ़र्क है दोस्ती और मोहब्बत में, रहते तो दोनों दिल में ही. बरसों बाद मिलने पर दोस्ती सीने से लगा लेती है, और मोहब्बत नज़र चुरा लेती है।
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ए ख़ुदा तू मेरी मोहब्बत को दूरियों में बिखेर दे न मैं उन्हें पाने की दुआ करूँ न वो खाव्हिशें रखें।
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ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है
जहाँ था कल तक मैं…वहाँ आज कोई और है–
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बहते अश्कों की ज़ुबान नहीं होती; लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती; मिले जो प्यार तो कदर करना; किस्मत हर किसी पर मेहरबां नहीं होती।..
*** Love Shayari
संभलना संभलकर बहकना है लाजिम
मोहब्बत में दिल का मचलना है लाजिम
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“मेरी मोहब्बत कि ना सही मेरे सलीके की तो दाद दे…
रोज़ तेरा ज़िक्र करता हूँ…बगैर तेरा नाम लिए…..”
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एक रस्म मोहब्बत में भी बनानी होगी , छोड़ के जाए कोई भी शौक से मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी….
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काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!!
ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!
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हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ
जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!
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क्यू करते हो, मुझसे इतनी खामोश मोहब्बत, लोग समझते हैं, इस बदनसीब का कोई नही..
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लिख कर तुम्हारा नाम पन्नों पर, हम बडे इतमिनान से उसे फिर मोहब्बत पढ़ते हैं !
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मुझसे मोहब्बत पर मशवरा मांगते हे लोग…
तेरा इश्क़ कुछ इस तरहा तजुर्बा दे गया मुझे..
*** Love Shayari
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी.. लोगो को सीखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है..!
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तेरी मोहब्बत से लेकर तेरे अलविदा कहने तक..
मेंने सिर्फ तुझे चाहा है, तुझसे कुछ नहीं चाहा..!
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आ छोडकर इस जंहा को कही दूर चले, मोहब्बत से हमारी वंहा कोई ना जले,
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हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे; वो भी पल पल हमें आजमाते रहे; जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया; हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
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है परेशानियाँ यूँ तो बहुत सी ज़िंदगी में.. तेरी मोहब्बत सा मगर, कोई तंग नहीं करता…!!
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अब तो शायद ही मुझसे मोहब्बत करे कोई,
मेरी आँखों में तुम साफ नज़र आती हो…
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वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की.
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है.
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चलो अपनी चाहतें नीलाम करते हैं ,
मोहब्बत का सौदा सरे आम करते है ,
तुम अपना साथ हमारे नाम कर दो ,
हम अपनी ज़िन्दगी तुम्हारे नाम करते हैं |
*** Love Shayari
जमाने को रास नही आते, किस्से अब मोहब्बत के..
दर्द-ए-बेवफ़ाई सुनता है अब,बड़े शौक से जमाना..
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मोहब्बत की कसौटी पर साथ चले थे हम दोनो… तुमने जब रास्ते बदल लिये…. हमने सब रास्ते ही छोड़ दिये….
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इस मोहब्बत की किताब के दो ही सबक याद हुए कुछ तुम जैसे आबाद हुऐ कुछ हम जैसे बर्बाद हुए.
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तुमने ही सफ़र कराया था मोहब्बत कीकश्ती का, अब नजरे क्यों चुराते हो मुझे डूबता देख कर..||
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अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी…! गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे…!!
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तुम मोहब्बत के सौदे भी अजीब करते हो ,बस मुस्कुरा देते हो और अपना बना लेते हो
*** Love Shayari
“दिल में एक उम्मीद बरकरार रखी है….ऐ दोस्तों…., कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती है…!
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हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें , खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें!!!
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बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी इन्हें बना दो किस्मत हमारी हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
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सदा आज़ाद रहते थें हमें मालूम ही क्या था मोहब्बत क्या बला है मेरे टूटे हुए दिल से कोई तो आज ये पूछे के तेरा हाल क्या है
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दिल टूटा है तो अपनी ही गलती से, उसने कब कहा था कि तू मोहब्बत कर…
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अजब फ़ल्सफ़ा है “वक्त” क मोहब्बत के दौर मे ईन्तजार-ए-मोहब्बत मे “वक्त” कटता नही… दीदार-ए-मोहब्बत मे “वक्त” थमता नही…!!
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उसका वादा भी अजीब था.. कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे, मैंने भी ये नहीं पुछा की, मोहब्बत के साथ,या यादोंके साथ..!!
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मेरी हालत देखकर मोहब्बत भी शर्मिदा है, ये शख्स जो सब कुछ गवां चूका, आज भी जिंदा है।”
*** Love Shayari
“न जख्म भरे,….न शराब सहारा हुई… ~न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !”
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मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल, दिल से मिलता है मगर मुश्किल यह है की दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है.
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कभी वो कहती थी तेरी मोहब्बत की खातिर जान भी दे दुंगी…… आज कहती है मेरा साथ छोड़ दो मेरी जिंदगी का सवाल है……
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हो चुका अब किसी का वो कभी मेरी जिन्दगी था वो ।। भूलता कौन है मोहब्बत पहली मेरी तो सारी खुशी था वो ।।
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मोहबत इज्जत से शुरू होती है मोहब्बत इज्जत पर ही खत्म होती है ।
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चलो मान लेता हुँ के मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती ।
लेकिन आप तो ये बताओ आप को दिल तोडना किसने सीखाया,,,,,,,,,
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मोहब्बत के दिनों की यहीं खराबी है,
ये रूठ जाये तो फिर लौटकर नहीं आते…
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समेट कर ले जाओ आप अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में आपको फिर इनकी जरुरत पड़ेगी !!
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तुम अगर भुल भी जाओ तो ये हक है तुमको
मैंरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है
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बरबाद करने के और भी रास्ते थे “फ़राज़”,
ना जाने उन्हें मोहब्बत का ख़याल क्यों आया,,
*** Love Shayari
ना कोई शोहरत ना दौलत चाहता है ।।। || || || ||
ये दिल केवल मोहब्बत चाहता है.!!
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मत पूछो कितनी मोहब्बत है उस्से,
बारीश की बूंद भी अगर छु ले उसे तो दिल में ‘आग ’ लग जाती है…
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दीवान-ए-ग़ज़ल जिसकी मोहब्बत में लिखा था,
वो शक्स किसी और की किस्मत में लिखा था,
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ज़रा तलाश तो कर मेरे प्यार को अपने दिल में,
थोडा जो दर्द हो तो समझ लेनाके मोहब्बत अभी ज़िंदा है.
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ये मेहताब चेहरा,ये मखमूर आँखें ! कहीं होश मेरा न खो जाए,
न देखूं तो न चैन मिले, देखूं तो मोहब्बत हो जाए!
*** Love Shayari
छोङ दो तन्हाई में मुझको यारों, मेरे साथ रहकर क्या पाओगे ?
अगर हो गयी आपको भी मोहब्बत कभी, मेरी तरह तुम भी पछताओगे !
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जिंदगी मे कभी ईतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाये
जमाने की हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती-:)
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मोहब्बत का अजीब दस्तूर देखा,
जो उसकी जीत हो तो हम हार जाये।
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जब कभी सिमटोगे इन बाहों में आ कर तो,
मोहब्बत की दास्ता हम नहीं हमारी धडकने सुनाएगी….
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मिलने को तो दुनिया मे कई चेहरे मिले ,
पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाये..
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कुछ  खास नही बस इतनी सी है  मोहब्बत मेरी
हर रात का आखरी  खयाल और हर सुबह की पहली सोच हो तुम
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तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा हमने,
वरना खेल तो बोहत खेले है हमने पर कभी हारे नहीं
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चाहत की कोई हद नहीँ होती.. सारी उम्र भी बीत जाए..
मोहब्बत कभी कम नहीँ होती.!!
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जिनको हमने चाहा मोहब्बत की हदें तोड़ कर आज उसने देखा नहीं निगाह मोड़ कर ये जान कर बहुत दुःख हुआ मुझे कि वो खुद भी तन्हा हो गये मुझे छोड़ कर
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खुशबू क्यों ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है
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फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी,
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मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पे खतम…।
ये वो जुल्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहते हैं…।।
*** Love Shayari
वो ना ही मिलते तो अच्छा होता
बेकार ही में मोहब्बत से नफ़रत हो गई
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